अचानक उनकी नजर आम के पेड़ के नीचे बैठे सियार पे पड़ी . अचानक उनकी नजर आम के पेड़ के नीचे बैठे सियार पे पड़ी .
अपने जीवनसाथी का साथ छोड़ जाना हमें बेचैन कर देता है! अपने जीवनसाथी का साथ छोड़ जाना हमें बेचैन कर देता है!
माँ फिर से मुझे मेरा बचपन लौटा दो न बस ये एक अंतिम ज़िद पूरी कर दो माँ! माँ फिर से मुझे मेरा बचपन लौटा दो न बस ये एक अंतिम ज़िद पूरी कर दो माँ!
कोई नेता न बेचने पाए, कफ़न किसी शहीद का, उस वसंती शाम को.... कोई नेता न बेचने पाए, कफ़न किसी शहीद का, उस वसंती शाम को....
व्योम कदाचित रूप तुम्हारा, अवतारी ओंकार गणेश। व्योम कदाचित रूप तुम्हारा, अवतारी ओंकार गणेश।
जीते जी आदमी टूट जाता है, हत्यारे की कोशिश आसान होती है। जीते जी आदमी टूट जाता है, हत्यारे की कोशिश आसान होती है।